Jo Ulajh Kar Rah Gayi Filon Ke Jaal Mein | Adam Gondvi
22 October 2025

Jo Ulajh Kar Rah Gayi Filon Ke Jaal Mein | Adam Gondvi

Pratidin Ek Kavita

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जो उलझकर रह गई है फ़ाइलों के जाल में । अदम गोंडवी


जो उलझकर रह गई है फ़ाइलों के जाल में


गाँव तक वह रौशनी आएगी कितने साल में

बूढ़ा बरगद साक्षी है किस तरह से खो गई


रमसुधी की झोंपड़ी सरपंच की चौपाल में

खेत जो सीलिंग के थे सब चक में शामिल हो गए


हमको पट्टे की सनद मिलती भी है तो ताल में

जिसकी क़ीमत कुछ न हो इस भीड़ के माहौल में


ऐसा सिक्का ढालिए मत जिस्म की टकसाल में